3500 किलो बारूद, 100 मी. दूर बटन का एक क्लिक, 9 सैकेंड में जमींदोज होंगे

हाइलाइट्स

ट्वीन टावर में विस्फोट के बाद धूल का गुबार 3 किलोमीटर तक फैलेगा और ये करीब 3 घंटे तक हवा में रहेगा.
जमींदोज किए जाने वाले टावरों में से एक 32 मंजिल और एक 28 मंजिल का है.

संदीप पांडे

नोएडा. गौतमबुद्ध नगर में अवैध तौर पर बनाए गए सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर को ढहाने की तैयारी अब जोरों पर चल रही है. दोनों टावरों में 3500 किलो बारूद फिट कर दिया गया है. अब डिटोनेटर और वायरिंग का काम अंतिम दौर में है. तय कार्यक्रम के अनुसार 28 अगस्त को दोनों टावरों को जमींदोज कर दिया जाएगा. इन टावरों को ढहाने के लिए जिस डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा उसका नाम है शॉर्ट एक्सप्लोडर. कंट्रोल रूम से अलग और टावरों से 100 मीटर की दूरी पर स्थित शॉर्ट एक्सप्लोडर का एक बटन दबाते ही 9 सैकेंड में ये आसमान छूती दोनों इमारतें मलबे में तबदील हो जाएंगी.

ट्विन टावर को ब्लास्ट करने वाली कंपनी के ओनर उत्कर्ष मेहता के मुताबिक ट्विन विस्फोट की निगरानी के लिए जहां एक कंट्रोल रूम बनेगा, वहीं उससे अलग टॉवर से 100 मीटर की दूरी पर ‘शार्ट एक्सप्लोडर’ ( ब्लास्टिंग एक्सप्लोडर) भी लगाया जाएगा. ये एक्सप्लोडर एक ट्यूब के जरिए टॉवरों से कनेक्ट होगा. इसमें एक्सपर्ट के बटन दबाते ही टॉवर के एक कॉलम में शॉर्ट होगा. इसी शॉर्ट से टॉवर में फैली वायरिंग-डोनेटर के जरिये हर कॉलम में विस्फोट करेगी. बटन दबते ही दोनों टॉवर 9 सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे. टॉवर से हवा की विपरीत दिशा में इस शॉर्ट एक्सप्लोडर को लगाया जाएगा.

धुंध से निपटना होगा चुनौती
28 अगस्त को जब विस्फोट होगा तो बारूद के कण के साथ-साथ बिल्डिंग मैटेरियल के कण हवा में होंगे. लिहाजा, वातावरण में घंटों छायी रहने वाली यह धुंध खासकर बुजुर्ग, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, सांस के रोगियों के लिए मुसीबत बनेंगे. ट्विन टॉवर एक 32 मंजिला है, दूसरा 28 मंजिला है. इनमें विस्फोट के बाद पलक झपकते ही आस-पास करीब 3 किलोमीटर के दायरे में धूल का गुबार फैल जाएगा. इसके बाद हवा के हिसाब से गुबार की दिशा तय होगी. घण्टों बाद यह गुबार धीरे-धीरे नीचे की तरफ आएगा. अनुमान है कि आसमान में छाने वाली धुंध को ही छंटने में कम से कम 3 घंटे का समय लग जाएगा. वहीं ब्लास्ट के जितने प्रेशर से मलबा गिरेगा, धूल उतनी ही तेजी से फैलेगी. ये धूल टावर निर्माण में लगाई गई सीमेंट व अन्य मैटिरियल की होगी.

नजदीक की सोसायटी के लोगों में भय
विस्फोट के बाद ट्विन टावर में के पास में मौजूद एटीएस विलेज, एमरल्ड कोर्ट सोसायटी में धूल का ज्यादा प्रकोप रहेगा. आस-पास की सड़कों पर भी धूल की मोटी परत जमेगी. यहां तक कि एक्सप्रेसवे पर भी धूल मिट्टी नजर आने का अनुमान है. धूल कम उड़े इसके लिए जियो टेक्सटाइल फाइबर के पर्दे लगाए गए हैं. टावर को चारों तरफ से फाइबर के पर्दों से ढका गया है. बावजूद पीएम 10 और पीएम 2.5 कण बढ़ेंगे. हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 60 और पीएम की मात्रा 100 होने पर ही हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है.

Tags: Noida news, Supertech twin tower

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Author: realnews24

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